कालसर्प दोष पूजा उज्जैन: महत्व, प्रक्रिया और लाभ
कालसर्प दोष भारतीय ज्योतिष में एक ऐसा दोष है, जो कुंडली में सभी ग्रहों के राहु और केतु के बीच आ जाने से बनता है। ऐसा माना जाता है कि यह दोष व्यक्ति के जीवन में विभिन्न समस्याओं का कारण बनता है, जैसे स्वास्थ्य, करियर, विवाह, धन, और मानसिक शांति से जुड़ी परेशानियाँ।
उज्जैन, जिसे महाकाल की नगरी कहा जाता है, कालसर्प दोष पूजा के लिए एक प्रसिद्ध स्थान है। यहाँ पर यह पूजा विशेष रूप से महाकालेश्वर मंदिर और अन्य पवित्र स्थलों पर की जाती है।
कालसर्प दोष पूजा का महत्व
उज्जैन में कालसर्प दोष निवारण पूजा करना इसलिए विशेष माना गया है क्योंकि यह स्थान भगवान शिव का निवास है। शिवजी को "कालों के काल" कहा जाता है, और उनकी पूजा से व्यक्ति की कुंडली में बने दोषों का निवारण होता है।
पूजा की प्रक्रिया
- कुंडली का विश्लेषण: पूजा से पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी से अपनी कुंडली की जाँच करवाएँ, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कालसर्प दोष है या नहीं।
- पूजा की तैयारी: उज्जैन में पहुँचने पर, पंडित आपको पूजा सामग्री और आवश्यक वस्तुओं की सूची देंगे।
- पूजा का आरंभ: पूजा सुबह के समय की जाती है। यह आमतौर पर नर्मदा नदी के किनारे स्नान से शुरू होती है।
- महाकालेश्वर मंदिर में पूजा: पूजा में भगवान शिव, नागदेवता और राहु-केतु की विशेष पूजा की जाती है। इसके लिए मंत्रोच्चारण और हवन किया जाता है।
- संपन्नता: पूजा के अंत में ब्राह्मणों को दान और भोजन कराया जाता है।
कालसर्प दोष पूजा के लाभ
- जीवन की समस्याओं का समाधान।
- मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा।
- करियर और व्यवसाय में उन्नति।
- स्वास्थ्य में सुधार।
- वैवाहिक जीवन में सुख और संतोष।
विशेष बातें
- उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा का सबसे शुभ समय नाग पंचमी, श्रावण मास, और महाशिवरात्रि के आसपास होता है।
- यह पूजा पंडितों के मार्गदर्शन में ही करनी चाहिए।
अगर आप कालसर्प दोष से पीड़ित हैं और इसका समाधान चाहते हैं, तो एक बार उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा अवश्य करें। महाकालेश्वर भगवान की कृपा से आपकी सभी बाधाएँ दूर होंगी और आपका जीवन खुशहाल बनेगा।
हर हर महादेव!